अमेरिकी स्टील्थ फाइटर जेट F-22 और F-35 लंबे समय से अपनी रडार-एब्सॉर्ब्ड कोटिंग की कमजोरी से जूझ रहे हैं. ऊंचाई पर तेज रफ्तार उड़ान, रेगिस्तानी तूफानों और नमी के कारण इनकी स्टील्थ कोटिंग जल्दी खराब हो जाती है, जिससे इनकी रडार से बचने की क्षमता प्रभावित होती है. यह समस्या इतनी गंभीर है कि अमेरिका को हर तीन हफ्ते में लाखों डॉलर खर्च कर इन जेट्स की कोटिंग दोबारा करनी पड़ती है. लेकिन अब चीन ने इस तकनीकी कमजोरी का हल निकालकर अमेरिका के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है.
चीन के रक्षा वैज्ञानिकों ने 3,000 साल पुरानी पारंपरिक रेशम बुनाई तकनीक से एक नई स्टील्थ बनाई है. चीनी शोधकर्ताओं के अनुसार, इस तकनीक से बना विशेष कपड़ा 90.6% तक रडार तरंगों को एब्सॉर्ब कर सकता है, जो पारंपरिक कोटिंग्स की तुलना में कहीं अधिक टिकाऊ और प्रभावी है. यह तकनीक हान वंश (206 ईसा पूर्व – 220 ईस्वी) की जैक्वार्ड बुनाई पर आधारित है, जिसे अब लेटेस्ट सैन्य अनुसंधान में शामिल किया गया है.
चीन एयरोस्पेस का कमाल
चीन एयरोस्पेस साइंस एंड इंडस्ट्री कॉरपोरेशन (CASIC) और टियांगोंग यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस सामग्री को ‘डबल-साइडेड जैक्वार्ड’ संरचना के रूप में विकसित किया है. इस कपड़े में क्वार्ट्ज फाइबर का आधार और स्टेनलेस स्टील के अत्यंत महीन धागे होते हैं, जो रडार तरंगों को फंसाकर विद्युत ऊर्जा में बदल देते हैं. इस नई तकनीक से चीन के स्टील्थ फाइटर जेट्स की सुरक्षा और लड़ाकू क्षमता में जबरदस्त इजाफा होगा.
ऐसे गिराएगा लड़ाकू विमान
शोधकर्ताओं ने बताया कि इस नई सामग्री की मजबूती पारंपरिक कोटिंग्स से 10 गुना ज्यादा है. इसकी तन्यता शक्ति (टेंसाइल स्ट्रेंथ) 93.5 मेगापास्कल मापी गई है, जिससे यह उच्च गति और कठोर मौसम में भी बिना क्षतिग्रस्त हुए काम कर सकती है. इसकी संरचना इस तरह बनाई गई है कि यह लड़ाकू विमान की सतह के तनाव बिंदुओं के अनुसार ढल सके. यह तकनीक न केवल स्टील्थ क्षमता बढ़ाती है, बल्कि रखरखाव लागत को भी काफी हद तक कम कर सकती है.
चीन के स्टील्थ फाइटर्स
विशेषज्ञों का मानना है कि यह तकनीक अमेरिका की स्टील्थ रणनीति को गंभीर चुनौती दे सकती है. अमेरिका के पास अब तक स्टील्थ जेट्स की कोटिंग को बार-बार बदलने के अलावा कोई ठोस विकल्प नहीं था, लेकिन चीन ने इस कमजोरी को भांपकर अपनी तकनीक को और उन्नत कर लिया है. नई सामग्री के कारण चीन के स्टील्थ फाइटर्स की पहचान करना बेहद मुश्किल होगा, जिससे हवाई युद्ध में उसे रणनीतिक बढ़त मिल सकती है.
इस इनोवेशन के साथ, चीन ने यह दिखा दिया है कि वह केवल आधुनिक हथियार प्रणाली विकसित करने में ही नहीं, बल्कि सैन्य तकनीक में कई लेटेस्ट परिवर्तन लाने में भी आगे है. इस खोज ने अमेरिका की रक्षा रणनीति को फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है, क्योंकि यदि यह तकनीक व्यापक रूप से लागू हो जाती है, तो अमेरिकी वायुसेना के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है.