उत्तर प्रदेश और बिहार में आकाशीय बिजली गिरने से 25 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. रविवार को उत्तर प्रदेश में 12 घंटे के अंदर 24 लोग आकाशीय बिजली गिरने से जिंदा जल गए. सबसे ज्यादा मौतें प्रदेश के प्रयागराज जिले में हुईं. वहीं, बिहार में 4 लोगों ने दम तोड़ा. जानिए, बिजली कैसे गिरती है, इसमें कितने वोल्ट का करंट होता है और इससे कैसे बचें.

ऐसे बनती है काल बनने वाली बिजली: इसकी शुरुआत नमीं वाली हवाओं से होती है. जब नमीं और गर्म हवा जमीन से उठते हुए आसमान में पहुंचने लगती हैं तो बादलों में पानी के कण इकट्ठा होने लगते हैं. हवा चलने के कारण इनमें आवेश पैदा होता है. कुछ बदलों पर पॉजिटिव और कुछ बादलों पर निगेटिव चार्ज पैदा होता है. जब पॉजिटिव चार्ज वाले बादल निगेटिव चार्ज वाले बादल से टकराते हैं तो हजारों वोल्ट की बिजली बनती है. इसे ही आकाशीय बिजली कहते हैं.

इतने वोल्ट का करंट होता है: नेशनल वेदर सर्विस की रिपोर्ट के मुताबिक, आमतौर पर आकाशीय बिजली में 30 करोड़ वोल्ट और 30 हजार एम्पियर का करंट होता है. यह कितनी खतरनाक इस बात से समझा जा सकता है कि घर की बिजली में 120 वोल्ट और 15 एम्पियर का करंट होता है.

यूं जिंदा जला देती है बिजली: जब बिजली शरीर पर गिरती है तो करोड़ों वोल्ट का करंट इंसार के शरीर से गुजरता है. यह स्किन, टिश्यू, नसों और मांसपेशियों को बुरी तरह से जला देता है. इसका सीधा असर दिमाग और दिल पर होता है. नतीजा इंसान की धड़कन रुक जाती है और सांसें बंद हो जाती हैं.

आसमान से जमीन तक यूं उतरती है बिजली: जिन बादलों से बिजली गरजती है अगर उसका चार्ज निगेटिव होता है तो वो धरती की सतह पर मौजूद पॉजिटिव चार्ज की ओर खिंच जाता है और इस तरह बिजली जमीन पर गिरती है. इससे बचने के लिए बारिश के दौरान या मौसम बदलने पर खुले मैदान, बिजली के खंभे या पेड़ के नीचे न खड़े हों. धातु की चीजों को न पड़ें. किसी पक्की इमारत में शरण लें.